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बना के ताजमहल एक दोलतमन्द आशिक ने,
गरीबो की मोहब्बत का तमाशा कर दिया…!!

क्या करे गुम छुपाना नही आता,
क्या करे गुम छुपाना नही आता,
और जिसे प्यार करते है उसे बताना नही आता...

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अहम ने एक वहम पाल रखा है... सारा कारवां मैंने ही संभाल रखा है ... हमारे महफिल में लोग बिन बुलाये आते है ….!!! क्यू की यहाँ स्वागत में फूल नहीं दिल बिछाये जाते है..!!!!

Love सायरी

जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें ….   आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें ….       ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया ….          वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें        रोया है बहुत तब जरा करार मिला है ;          इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है ;                गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से ;                      एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है।
एक दुःख पे हज़ार आंसू , उफ़ आँखों की ये फिझुज़ खर्चिया !! मौत भी हर बार ये कह कर मुझे छोड़ जाती है , की तुझे मारूँगी एक दिन पर पहले जीने तो लगो !!