अहम ने एक वहम पाल रखा है... सारा कारवां मैंने ही संभाल रखा है ... हमारे महफिल में लोग बिन बुलाये आते है ….!!! क्यू की यहाँ स्वागत में फूल नहीं दिल बिछाये जाते है..!!!!
जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें …. आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें …. ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया …. वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें रोया है बहुत तब जरा करार मिला है ; इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है ; गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से ; एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है।
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