जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें …. आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें …. ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया …. वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें रोया है बहुत तब जरा करार मिला है ; इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है ; गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से ; एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है।
Comments
Post a Comment