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Showing posts from February, 2017
इक नजर मिलते ही वो धीरे से मुस्कुराये...... बेनाम रिश्तो की मियाद बस इतनी हुआ करती है....!!!! तुम मुझे संभाल के रखा करो..!! कुछ लोग मुझे तुम से चुराने पर तुले हैं....!!!! न होना अनजान ,न बेरुखी दिखाना बस सादगी से कह देना.. तुम बोझ बन गए हो..!!
बर्फ का वो सरीफ़ टुकड़ा जाम मे क्या गिरा बदनाम हो गया जब तक देता अपनी सफाई खुद ब खुद शराब हो गया............... ला वापस देदे मेरा टूटा दिल , अब क्यूँ  तेरे पास रहे , क्या फायदा ऐसी मोहबत का, मे भी रौउ ओर तू भी उदास रहे  

Love सायरी

ना कर तू इतनी कोशीशे , मेरे दर्द को समझने की , तू पहले इशक कर , फिर चोट खा , फिर लिख दवा मेरे दर्द की ………… आज महफिल खामोश केसा है , दोस्तो जख्म भर गये ?? या................... मोहबत फिर से मिल गयी............

Love सायरी

आओ जरा नजदीक थोड़ी आशिक़ी हो जाए...........     तुम धुन बनो मै साज बनू .............          थोड़ी मोसिकी हो जाए.............  कभी तुम पूछ लेना       कभी हम भी जीकर कर लेंगे            छुपाकर दर्द दिल का एक                दुसरे की फ्रीक्र कर लेंगे...........

Love सायरी

जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें ….   आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें ….       ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया ….          वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें        रोया है बहुत तब जरा करार मिला है ;          इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है ;                गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से ;                      एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है।

Love सायरी

उसकी मोहबत का सिलसिला भी क्या अजीब है,  अपना भी नहीं बनाती है , और किसी का होने भी नहीं देती....!! "क्यूँ आती हो तुम रोज़ सपनों में मेरे,    क्या तुम्हें अब मेरी नींद भी अच्छी नहीं लगती."️
तुझको लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा , साल बदलेगा ,मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा ...... गूँजती रहेगी तेरे जहन की गहराईयो मे,...  रात दिन जिसे तुम कभी भुला न सकोगे वो गुफ्तगू हू मे....
कमल की तकदीर पायी होगी उस शख्स ने , जिसने तुझे से मोहबत भी ना की , हो ओर तुझे पा लेगा |    मरकर भी तुमहे देखते रहने की हसरत मे.......             ये आंखे भी किसी को अमानत मे दे जायेंगे हम..
दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया,   खाली ही सही हाथों में जाम तो आया,     मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने, यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया। दफन हूं एहसास की सदियों पुरानी कबर में जिंदगी इक जख्म है     और जख्म भी ताजा नहीं.....